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परी की छडी़ का कमाल लेखनी प्रतियोगिता -23-Jul-2022

              बहुत पुरानी बात है उन दिनौ भारत के एक राज्य मे एक राजा राज्य करता था। उसकी पाँच बेटे थे ।   राजा बैसे तो अपने सभी बेटौ को प्यार करते थे परन्तु सबसे छोटे बेटे को अधिक प्यार करते थे।


    एक बार राजा की तबियत बहुत ज्यादा खराब होगयी । तब तक उनके किसी भी बेटे की शादी नहीं हुई थी। उस राजा ने अपने सभी बेटौ को अपने पास बुलाया और अपने छोटे बेटे का हाथ उनके हाथ में देकर बोले " देखो  ये सूरज तुममें सबसे छोटा है। इसको प्यार से रखना तुम  सब की जिम्मेदारी है। मेरे जीवन का तो कोई पता नहीं है कि खब प्रभू का बुलखवा आजाय और मुझे यहाँ से जाना पड़ सकता है।"

     उनका बडा़ बेटा बोला," पिताजी आप चिन्ता मत करो हम हब मिलकर अपने छोटे भाई का ध्यान रखैगें और आप क्यौ  चिन्ता  करते हो आपको कुछ नहीझ होगा। "

             कुछ समय बाद राजा साहब चिर निन्द्रा में सोगये। अब सब राज्य की बागडो। बडे़ बेटे के हाथ में आगयी थी । अब उसका ही राज चलता था उसके तीनौ भाई उसकी चापलूसी करते थे। छोटा भाई सूरज किसी की चापलूसी नहीं करता था। इसलिए उसका बडा़ भाई उसे परेशान करने  लगा था

      कुछ ही समय में सूरज की हालत नौकरौ से भी बुरी कर डाली गयी। यदि वह कुछ कहता तो उसे परेशान किया जाता।

       उन सभी भाईयौ को खबर मिली कि पडौ़सी राजाने अपनी बेटी की शादी के लिए एक स्वयंबर रचा है उस सवयंबर में बहुत से राजा आरहे है ।राजकुमारी जिस राजकुमार के गले में बरमाला पहनादेगी उसीके साथ उसकी शादी हो जायेगी।

   उन सभी भाईयौ के पास भी स्वयंवर का निमंत्रण आया था। अतः वह चारौ भाईयौ ने उस स्वयंवर में जाने का निर्णय लिया और उन्हौने लोक लाज के डर से अपने छोटे भाई को भी लेजाने कख निर्णय लिया।

     वह उसको अपने साथ लेजाने तो लगे परन्तु उसके साथ नौकरौ जैसा ब्यबहार किया गया जब वह सभी स्वयंबर वाले  राजा के राज्य में पहुच गये तब उन्हौने सूरज को  स्वयंबर में नही लेजाने का निर्णय लिया औऋ उसे एक कमरे में बन्द कर दिया और बाहर से ताला लगाकर स्वयंबर में चले  गये।

    सूरज उस कमरे में बैठा रोने लगा और भगवान से प्रार्थना करने लडा कि हे ईश्वर आपतो गरीबौ की सुनते हो उनकी सहायता करते हो आज मेरी भी सहायता करके मुझे यहाँ से निकालो।

       ईश्वर ने उसकी पुकार सुनली और उसके पास एक परी को सहायता के लिए भेजा।  परी ने सूरज के पास जाकर  पूछा," बेटे तुम क्यौ रो रहे हो?  तुम्है क्या परेशानी है ?

     सूरज बोला ," मेरे भाई मुझे साथ लेकर नही गये। मै भी उस स्वयंवर में जाना चाहता हूँ।  मुझे इस कमरे में बन्द कर दियाँ गया है मेरे पास कपडे़ नही है यह मुझे बहुय परेशान करते है। "

    परी ने उसको एक जादू की छडी़ देते हुए कहाँ कि तुम इस छडी़ से जो भी मांगोगे वह देगी। यह तुम्हारी सहायता करेगी।"

     वह परी उसको छडी़ देकर गायब होगयी। परी से सूरज ने अपने लिए सुन्दर कपडे व स्वयंबर  में जाने के लिए सुन्दर घोडा़ माँगा जो वहाँ तुरन्त मिलगया। सूरज ने सुन्दर कपडे़ पहने और घोडे़ पर बैठकर स्वयंबर में पहुँच गया ।

     कुछ समय बाद राजकुमारी वर माला लेकर सभी राजकुमारौ के सामने से गुजरी। वहा़ बेठे हुए सभी राजकुमार  राजकुमारी की तरफ देखकर सोच रहे थे कि वह उनके गले में ही वरमाला डालेगी। जैसे ही वह आगे बढ़जाती राजकुमार निराश हो जाता था। जब वह सूरज के पास पहुँची और उसने वरमाला सूरज के गले में डालदी।

   जब सूरज के भाईयौ को इसकी जानकारी हुई तब वह सोचने लगे कि इसे तो हम कमरे में बन्द करके आये थे फिर यह बाहर कैसे आया और इसके पास इतने हीरे मोती लगे कपडे़ कहाँ से आये।

      उन चारौ भाईयौ ने सूरज से माँफी माँगी तब उँसने परी की बात बताई और उसके द्वारा दीगयी जादू की छडी़ दिखाई। अब उनको अपने ब्यबहार पर शर्म आरही थीकि उन्हौने उसके साथ ऐसा क्यौ किया था।

      सूरज की राजकुमारी के साथ शादी होगयी और उसे वहाँ का राजा बना दिया गया। उसके भाई अपने राज्य में वापिस लौट गये।


                   यह सब परी की छडी़ का कमाल था।


दैनिक प्रतियोगिता हेतू रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी"
23/07/2022




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11 Comments

Madhumita

25-Jul-2022 06:45 PM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Kusam Sharma

25-Jul-2022 07:28 AM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

24-Jul-2022 02:17 PM

बहुत ही खूबसूरत

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